सोमवार, 5 नवंबर 2018

इश्क़-मोहोब्बत

बर्बाद कर देती है मोहोब्बत, हर मोहोब्बत करने वाले को,
क्योकिं इश्क़ हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता।





मेरे यूँ चुप रहने से नाराज ना हो जाना कभी,
दिल से चाहने वाले तो अकसर खामोश ही रहते है.








दर्द हमने संभाला है हमने आँसू बहाए हैं,
बेशक वजह तुम थे पर दिल तो हमारा था।




याद नहीं कि मैं रूठी थी या वो रूठा था,
बस साथ हमारा जरा सी बात पर छूटा था....।










किसी गैर का श्रृंगार है,
वो जो मेरा प्यार है....
जाने किसकी जीत है,
जाने किसकी हार है...।





'पसंद' अच्छी है तुम्हारी, ये सुना है मैंने...
तो बताओ आईना देख कर, कि मेरी 'पसंद' कैसी है ??









दर्द कितना है बता नहीं सकते,
ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते,
आँखों से खुद समझ लो..
आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते।





मेरी आंखें भी अब तो इतनी मतलबी हो गई हैं कि
तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती...!








दर्द का मेरे यकीन आप करें या ना करें,
इल्तिजा है कि इस राज़ का किसी से चर्चा ना करें।





हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे है...,
कितने लिखे फ़साने, फिर भी सारे कागज़ कोरे है।










वो भी क्या ज़िद थी...
जो तेरे-मेरे बीच एक हद थी...
मुलाकात मुकम्मल न सही...
मोहोब्बत बे-हद थी...।





मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज़ होना..
नाराज़ वो होते है जिन्हें खुद पर गुरूर होता है...।।








आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
कह ना पाना हमारी मजबूरी है,
आप क्यों नहीं समझते इस जज़्बात को...
क्या खामोशियों को ज़ुबान देना जरूरी है?





हिदायत थी कि कभी
इश्क़ ना कीजिये हुज़ूर....
हमने भी दूसरों से यही कहा
उनसे दिल लगाने के बाद..।








मंजिलों से बेगाना आज भी सफ़र मेरा,
है रात वीरान मेरी, दर्द भी बेअसर मेरा।




यह भी एक ज़माना देख लिया है हमने,​
​दर्द जो सुनाया अपना तो तालियां बज उठीं​।








मन को समझाया था मैंने इस इश्क़-विश्क से दूर रहो,
पर ये मन ही मन अपनी मनमानी कर बैठा.....



दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
                   कैसे बना था घोंसला वो तूफान क्या जाने……………








तेरे ना होने से बस इतनी-सी कमी रहती है...
मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी आँखों में नमी सी रहती है..।








शनिवार, 3 नवंबर 2018

प्यार आखिरी बार

किस मुकाम पर ले आयी ये मोहोब्बत हमें,
उसे पाया भी नहीं जाता
और भुलाया भी नहीं जाता।


खत्म हो गया उन लोगों से भी रिश्ता,
जिनसे मिलकर लगता था कि ये जिंदगी भर साथ रहेंगे....।।।





पत्थर से प्यार किया नादान थे हम, 
गलती हुई हमसे अंजान थे हम, 
आज जिन्हें हमसे नज़रे मिलने में तकलीफ होती है,
कभी उस बेवफा की जान थे हम।


अगर फितरत हमारी सहने की ना होती...
तो हिम्मत तुम्हारी भी कुछ कहने की न होती....।।।





ना जाने क्यों कोसते है लोग बदसूरती को?
बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते है।



तेरा हर अंदाज़ अच्छा लगता है,
सिवाए नज़र-अंदाज़ के...




बस एक ख़ता हमसे हो गयी...
हद से ज्यादा मोहोब्बत उनसे हो गयी ...।




अपनी चुप्पी से,
ना जाने क्या खो दोगे...
जैसे तुम हो, मैं हो जाऊँ ना,
तो तुम रो दोगे....।।





कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर,
वो मिले भी तो एक किनारा बनकर,
हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह,
बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर।


मोहोब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया में,
इधर तो हम पर जो गुजरी है हम ही जानते है....।।




काश वो पल संग बिताये न होते,
जिनको याद कर आज ये आँसू आये न होते,
अगर इस तरह उनको मुझसे दूर ही जाना था,
तो इतनी गहराई से दिल मिलाये न होते!!



कैसे दूर करूँ ये उदासी
बता दे कोई….!
लगा के सीने से रूला
दे कोई….!!



तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,
जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद,
ना पड़े किसी को किसी की आदात इतनी,
कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद...।।



तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा..
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा..!!





देख ज़रा नाराज़ है कोई शख्स तेरे जाने से,
हो सके तो लौट आ किसी बहाने से,
तू लाख ख़फ़ा सही पर एक बार तो देख,
कोई टूट गया है तेरे दूर जाने से!!



जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले थे रास्ता छोड़ गये।




 ना दूर हमसे जाया करो दिल तड़प जाता है,
आपके ख्यालों में ही हमारा दिन गुज़र जाता है,
पूछता है यह दिल एक सवाल आपसे,
कि क्या दूर रहकर भी आपको हमारा ख्याल आता है!!



मेरे दिल में तेरा वज़ूद , 
मैं खुद से दूर , पर तू मुझ में मौज़ूद....।।




मैंने जिसे भी चाहा अपना बनाना, 
सबसे पहले वही चीज मुझसे दूर हुई, 
एक बार जो गए फिर कहाँ मिले वो लोग, 
जिनके बिना मेरी जिंदगी बेनूर हुई।



तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया !!




हुस्न की इश्क से जब जब बात होती है,
महफिल में उनकी बात से हर बात होती है,
वह कहते रहे कोई बात नहीं हम दोनों में,
पर उनकी कहानी से नई शुरूआत होती है।।





ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी,
तुझे ही देखने की चाहत रहती है......




सब फूलों की जुदा कहानी है,
खामोशी भी तो प्यार की निशानी है,
ना कोई ज़ख्म है फिर भी ऐसा एहसास है,
यूँ महसूस होता है कोई आज भी दिल के पास है !!







कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है…..
दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है।



प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं,
जिगर चाहिए अपनी ही खुशियाँ बर्बाद करने के लिए....





इश्क़-मोहोब्बत

बर्बाद कर देती है मोहोब्बत, हर मोहोब्बत करने वाले को, क्योकिं इश्क़ हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता। मेरे यूँ चुप रहने स...