तबाह होकर भी तबाही दिखती नहीं,
ये इश्क़ है इसकी दावा कहीं बिकती नहीं।
हम भूलेंगे तुम्हें जरा सब्र तो कीजिये,
कमबख्त सांसो का सिलसिला अभी बाकी है।
दीवानगी में कुछ ऐसा कर जाएंगे,
मोहोब्बत की सारी हदें पार कर जाएंगे,
वादा है तुमसे दिल बनकर तुम धड़कोगे,
और सांस बनकर हम आएंगे।
यादों में तेरी तन्हा बैठे हैं,
तेरे बिना लबों की हंसी गवां बैठे हैं,
तेरी दुनिया में अंधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं…
उनको अपने हाल का हिसाब क्या देते,
सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते,
वो तीन लफ्जों की हिफाजत ना कर सके,
उनके हाथ में जिंदगी की पूरी किताब कैसे देते !!
सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी,
आंसुओं की बहती नदी होगी,
मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे,
जब आपके पास वक्त
और हमारे पास सासों की कमी होगी !!
मोहब्बत ने हम पर ये इल्जाम लगाया है,
वफा कर के बेबफा का नाम आया है,
राहें अलग नहीं थी हमारी,
फिर भी हमने अलग-अलग मंजिल को पाया हैं !!
बहुत चाहेंगे तुम्हें मगर भुला ना सकेंगे,
ख्यालों में किसी और को ला ना सकेंगे,
किसी को देखकर आसू तो पोंछ लेंगे मगर,
कभी आपके बिना मुस्कुरा ना सकेंगे !!
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…..
प्यार में कोई दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है…
न हम खफा है तुम से,
न कोई फरयाद करते है,
तुम याद करो या न करो ये जान लो,
हम तुम्हें हर पल याद करते है।
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढ़कर और क्या होगी,
आज भी इंतजार है तेरे आने का...।
हमारे चले जाने के बाद ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…।
तुम आए ज़िंदगी में कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हें हम आँखो में,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर....।।
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते-निभाते,
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते-पाते,
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में…
और तुम कहते हो हम थक गए मुस्कुराते-मुस्कुराते ..?
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता,
तोड़ने वाले के हाथ मे जख़्म तो आया होता,
जब भी देखता वो अपने हाथों को,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता।
ना जाने मुहब्बत में कितने अफ़साने बन जाते है,
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है,
कुछ हासिल करना ही इश्क की मंजिल नहीं होती,
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है ..!!!
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