मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018

Love Shayari

हक़ उतना ही जताईए , जितना जायज़ लगे !
रिश्ता फेरों का हो या मोहब्बत का, घुटने न लगे !



मोहोब्बत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हमारा ये पैगाम हैं,
वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो।





मोहब्बत की महफ़िलों में खुदगर्ज़ी नहीं चलती,
कम्बख्त मेरे ही दिल पर मेरी मर्जी नहीं चलती...



वो बेवफा हमारा इम्तेहान क्या लेगी?
मिलेगी नज़रों से नज़रे तो अपनी नज़रे झुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दिया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो अपना हाथ जला लेगी।




शक्कर सा इश्क जो घुल जाए चाय में,,
तुम होठों से लगा के इश्क मेरे नाम कर देना।।




कोई खुशियों की चाह में रोया
कोई दुखों की पनाह में रोया..
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का..
कोई भरोसे के लिए रोया..
कोई भरोसा कर के रोया..




तू चाँद में सितारा होता,
आसमान के एक आशियाना में
एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हें दूर से देखते
नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता|




हमने भी कभी प्यार किया था,
थोड़ा नहीं बेशुमार किया था,
दिल टूट कर रह गया,
जब उसने कहा, अरे मैने तो मज़ाक किया था…




इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत हो गयी है,
न सिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है..!



किस्मत पर एतबार किसको है?
मिल जाय ख़ुशी तो इंकार किसको है?
कुछ मेरी मजबूरियां हैं मेरी जान,
वरना जुदाई से प्यार किसको है?



दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाब में आ कर यूं तड़पाया ना करो।






हर किसी के नसीब में कहाँ लिखी होती है चाहतें,
कुछ लोग दुनिया में आते है सिर्फ तन्हाइयों के लिए।



जरा परदे में रहकर बाहों में समाओ किसी गैर की,
कहीं कोई देख ना ले तुम्हें,
मेरी खुशियों का कत्ल करते हुये...!!




बेहद हदें पार की थी 
हमने कभी किसी के लिए,
आज उसी ने सिखा दिया 
हद में रहना....!!



टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता,
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता,
ए बेवफा! दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता,
कि टूटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ……..।




मोहब्बत का नतीजा,
दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हें दावा था वफ़ा का,
उन्हें भी हमने बेवफा देखा।



वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख़्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना?
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है ।




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